रूपनाथ धाम: एक परिचय
उदयपुर वाटी तहसील के दीपुरा ग्राम पंचायत में स्थित संत महात्मा रूपनाथ का धाम श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। लगभग 15 वर्ष पूर्व स्थापित इस मंदिर का इतिहास हजारों वर्ष पुराना बताया जाता है।
मंदिर की विशेषताएं
रूपनाथ धाम नाथ पंथ परंपरा से जुड़ा है। यहाँ की गुफा में हजारों वर्षों से भगवान शिव की तपस्या की परंपरा रही है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यह स्थान गोरखनाथ पंथी परंपरा का महत्वपूर्ण केंद्र है।
धार्मिक गतिविधियां
मंदिर में प्रतिदिन शाम 6 बजे से आरती और पूजा-पाठ का कार्यक्रम होता है। हर पूर्णिमा को विशेष भंडारे का आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करते हैं। श्रावण मास की पूर्णिमा पर विशेष बड़े भंडारे का आयोजन होता है।
श्रद्धालुओं की आस्था
दूर-दूर से लोग यहां अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं। मुंबई, दिल्ली, मारवाड़, नागौर और चूरू जैसे दूर-दराज के क्षेत्रों से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। कई श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां उनकी मन्नतें पूरी हुई हैं।
मंदिर की परंपराएं
मंदिर में जाति-पाति का कोई भेदभाव नहीं है। हालांकि, मंदिर में शराब और मांसाहार की सख्त मनाही है। चमड़े की वस्तुएं जैसे बेल्ट आदि पहनकर मंदिर में प्रवेश वर्जित है।
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