शादी में नई परंपरा की शुरुआत
राजस्थान के उदयपुर वाटी क्षेत्र में एक अनोखी शादी ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। जहां आमतौर पर शादियों में लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, वहीं इस विवाह ने सिर्फ एक रुपये में संपन्न होकर समाज को एक नया संदेश दिया है।
पढ़े-लिखे युवाओं का साहसिक निर्णय
दूल्हा और दुल्हन दोनों एमएससी बीएड हैं। दोनों परिवारों की सहमति से यह निर्णय लिया गया कि शादी में किसी तरह का दहेज या अनावश्यक खर्च नहीं किया जाएगा। सगाई और गोद भराई की रस्म के दौरान ही दोनों पक्षों ने शादी का निर्णय लेकर इसे तुरंत अंजाम दिया।
समाज के लिए प्रेरणादायक पहल
इस शादी ने दहेज प्रथा और फिजूल खर्च के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया है। जहां सामान्य शादियों में 30-40 लाख रुपये तक खर्च होते हैं, वहीं इस विवाह ने दिखाया कि सादगी से भी शादी की रस्में पूरी की जा सकती हैं।
परिवारों का दृष्टिकोण
दूल्हे के पिता ने कहा, "यह गरीबी की वजह से नहीं, बल्कि सोच की वजह से किया गया फैसला है। हमने बच्चों को पीजी तक पढ़ाया है और अब यह सकारात्मक पहल की है।" दोनों परिवार इस फैसले से खुश हैं और चाहते हैं कि समाज में ऐसी और शादियां हों।
सामाजिक प्रभाव
यह शादी समाज में एक नई मिसाल बन गई है। इससे न केवल दहेज प्रथा पर प्रहार हुआ है, बल्कि यह भी संदेश मिला है कि बचाए गए पैसे को शिक्षा और विकास जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में लगाया जा सकता है।
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