उदयपुरवाटी : जोधपुरा गांव में पैंथर के हमले से बच्चे घायल, वन विभाग और प्रशासन सतर्क

उदयपुरवाटी : जोधपुरा गांव में पैंथर के हमले से बच्चे घायल, वन विभाग और प्रशासन सतर्क

जोधपुरा ग्राम पंचायत में पैंथर का हमला

उदयपुर वाटी तहसील के जोधपुरा ग्राम पंचायत में एक भयावह घटना सामने आई है। यहां एक मादा पैंथर, जिसके साथ उसके बच्चे भी बताए गए हैं, ने सुबह करीब 7:30 बजे एक गरीब परिवार के बच्चे पर हमला कर दिया। यह घटना स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है क्योंकि इससे पहले भी इस क्षेत्र में पैंथर से बकरियों का व्यापक नुकसान हुआ था।

वन विभाग की जांच और कार्रवाई

हमले की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम लगभग 10:30 बजे मौके पर पहुंची। वन अधिकारियों ने बताया कि पैंथर के साथ उसके बच्चे होने के कारण मातृसुलभ सुरक्षा व्यवहार के तहत इस हमले की संभावना बढ़ जाती है। वन विभाग ने पिंजरा मंगवाकर उसे पकड़ने का प्रयास शुरू कर दिया है और क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के लिए सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए हैं।

प्रशासन का आश्वासन और मुआवजा

प्रशासन और वन विभाग ने घायल बच्चे के उचित इलाज की जिम्मेदारी ली है और परिवार को को उचित सहायता देने का भरोसा दिलाया है। साथ ही, पालतू बकरियों और अन्य पशुओं के नुकसान के लिए भी मुआवजे का प्रावधान है, जिसे प्रभावित परिवारों को शीघ्र प्रदान किया जाएगा। वन विभाग ने ग्रामीणों को वन्यजीव संरक्षण और सुरक्षित रहने के लिए समझाइश दी है और नियमित तौर पर क्षेत्र की तारबंदी और निगरानी बढ़ाने की बात भी कही है।

स्थानीय लोगों की चिंता और निवेदन

स्थानीय निवासियों ने वन विभाग और प्रशासन से आग्रह किया है कि वे इस क्षेत्र में और अधिक सुरक्षा उपाय करें ताकि भविष्य में ऐसे हमलों को रोका जा सके। गांव में भय का माहौल बना हुआ है क्योंकि पैंथर का लगातार विचरण होता रहा है और यह हमला पहली बार ही इंसान पर हुआ है। वे चाहते हैं कि वन विभाग पिंजरा लगाकर पैंथर को सुरक्षित पकड़कर किसी दूर क्षेत्र में स्थानांतरित करे।

वन विभाग की प्रतिक्रिया

वन विभाग ने बताया कि मनसा माता कंजर्वेशन रिजर्व क्षेत्र में यह वन्यजीव सामान्य हैं, लेकिन मानव-जीवन की सुरक्षा सर्वोपरि है। विभाग ने क्षेत्र की वायरिंग और पत्थर की दीवारों द्वारा बाधा निर्माण को तेज करने का भी वादा किया है। उन्होंने ग्रामीणों को सलाह दी है कि वे वन्यजीव क्षेत्र में अनावश्यक घुसपैठ न करें और किसी भी असामान्य घटना की तुरंत सूचना दें।

प्रेरक संदेश और आगे की तैयारी

यह घटना मानव-वनीकरण संघर्ष की एक ज्वलंत मिसाल है, जहां वन्यजीव संरक्षण और मानव सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। प्रशासन और वन विभाग दोनों द्वारा मिली-जुली कार्रवाई से उम्मीद जताई जा रही है कि इस प्रकार की घटनाओं को नियंत्रित किया जा सकेगा। साथ ही प्रभावित परिवारों को उचित सहायता भी मिलेगी ताकि वे इस घटना से उबर सकें।

निष्कर्ष: जोधपुरा गांव में पैंथर के हमले ने वन्यजीवों के संरक्षण के साथ-साथ मानव सुरक्षा की चुनौतियों को रेखांकित किया है। वन विभाग की सक्रियता और प्रशासन की तत्परता इस खतरे को कम करने में अहम भूमिका निभाएगी। ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए वन्यजीव संरक्षण भी जरूरी है, ताकि दोनों के बीच सहअस्तित्व संभव हो सके।


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