सीकर में दहेज हत्या का गंभीर मामला
राजस्थान के सीकर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां एक युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई है। मृतका की बहन और परिवारजनों का आरोप है कि दहेज की मांग के कारण उसकी हत्या की गई है।
मामले की पूरी कहानी
मृतका ज्योति का विवाह डेढ़ साल पहले झुन्झुनू जिले की खेतड़ी तहसील के कालोटा ग्राम पंचायत से ककराना ग्राम पंचायत में हुआ था। शादी के तुरंत बाद से ही ससुराल पक्ष की ओर से दहेज की मांग शुरू हो गई थी।
मृतका के पिता सुरेश सिंह का कहना है कि वे एक गरीब व्यक्ति हैं और रेवड़ चराकर अपना गुजारा करते हैं। उनके चार बच्चे हैं और आर्थिक स्थिति कमजोर है। इसके बावजूद ससुराल पक्ष लगातार गाड़ी और गहनों की मांग करता रहता था।
पति की धमकियां और प्रताड़ना
मृतका की बहन के अनुसार, उसका पति मित्तल हॉस्पिटल में काम करता था और अक्सर कहता था, "मैं इतने बड़े हॉस्पिटल में काम करता हूं, तुम्हारे पिता ने मुझे क्या दिया?" वह गाड़ी की मांग करता था और कहता था कि दूसरी बहुओं के पास दो-दो हाथ के गहने हैं।
छह-सात महीनों तक लगातार प्रताड़ना के बाद परिवार ने अपनी बेटी को वापस लाने का फैसला किया। पांच महीने पहले मृतका की बहन को जबरदस्ती घर से निकाला गया था, लेकिन ज्योति को वे नहीं ला सके।
संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु
29 तारीख की रात 9 बजे परिवार को फोन आया कि ज्योति बीमार है। सुबह 5 बजे दूसरा फोन आया जिसमें बताया गया कि उसकी मृत्यु हो गई है। ससुराल पक्ष का दावा है कि उसने जहर खाया था, लेकिन परिवार इस पर संदेह जता रहा है।
परिवार का सवाल है कि अगर वह जहर खाकर मरी है तो जहर कहां से आया? सात घंटे तक इलाज के बाद भी क्यों नहीं बचाया जा सका?
पति पक्ष का गायब होना
सबसे बड़ी बात यह है कि मृत्यु के दो दिन बाद भी पति पक्ष का कोई व्यक्ति सामने नहीं आया है। न पति, न देवर, न सास-ससुर। परिवार का आरोप है कि गांववाले उन्हें छुपा रहे हैं और पोस्टमार्टम के लिए दबाव डाल रहे हैं।
परिवार की मांग
मृतका के परिवार की मांग है कि:
- पहले ससुराल पक्ष के सभी लोगों को हाजिर किया जाए
- उसके बाद ही पोस्टमार्टम कराया जाए
- निष्पक्ष जांच हो और न्याय मिले
- दोषियों को सजा दी जाए
सामाजिक चिंता
कालोटा ग्राम पंचायत के ग्रामीण रतन सिंह का कहना है कि यह समाज के लिए घिनौना काम है। हिंदू धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार पति या परिवार के पुरुष सदस्य को करना चाहिए, न कि गांववालों को।
प्रशासन से अपील
इस मामले में शासन-प्रशासन से निष्पक्ष जांच की अपील की गई है। यह मामला दहेज प्रथा की कुरीति और महिला सुरक्षा के गंभीर सवाल खड़े करता है। जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह हत्या थी या आत्महत्या।
यह घटना एक बार फिर समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ जागरूकता की जरूरत को दर्शाती है।
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