खेतड़ी के प्रसिद्ध धारेश्वर धाम में अमावस्या महोत्सव
राजस्थान के खेतड़ी उपखंड में स्थित माधवगढ़ ग्राम पंचायत का धारेश्वर धाम आगामी अमावस्या को एक भव्य आध्यात्मिक समारोह का साक्षी बनेगा। कुंडा वाले बालाजी महाराज के नाम से प्रसिद्ध यह पवित्र स्थल हर वर्ष हजारों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।
मंदिर की विशेषताएं और प्राकृतिक सौंदर्य
धारेश्वर धाम की सबसे अनूठी विशेषता यहां के प्राकृतिक कुंड हैं, जहां पहाड़ों से निरंतर स्वच्छ जल प्रवाहित होता रहता है। मंदिर के पुजारी संत महाराज, जो पिछले छह वर्षों से यहां सेवा कर रहे हैं, बताते हैं कि यह एक अत्यंत प्राचीन मंदिर है जहां श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं निश्चित रूप से पूर्ण होती हैं।
यह मंदिर पूर्णतः प्राकृतिक वातावरण में स्थित है और चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। मुख्य बालाजी मंदिर के अलावा यहां शिवजी का मंदिर, भैरव जी का मंदिर और सती माता का स्थान भी है।
अमावस्या मेले की तैयारियां
स्थानीय सरपंच के नेतृत्व में मेले की व्यापक तैयारियां चल रही हैं। ग्रामीणों की 10-15 सदस्यीय टीम पिछले 10 दिनों से मंदिर की सफाई और सजावट में जुटी हुई है। मेले में विशाल भंडारा, भजन-कीर्तन, जागरण और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।
स्थानीय निवासी मुकेश जी का कहना है कि यह मेला प्रतिवर्ष आयोजित होता है और दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। मेले की व्यवस्था मुख्यतः सरपंच करते हैं, जबकि स्वैच्छिक दान भी स्वीकार किया जाता है।
सावन में विशेष भीड़
विशेष रूप से सावन के महीने में यहां श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ती है। इस दौरान मंदिर में लगातार लाइनें लगी रहती हैं। श्रद्धालु न केवल स्थानीय क्षेत्र से बल्कि दूर-दराज के इलाकों से भी यहां दर्शन के लिए आते हैं।
आधुनिक सुविधाएं
मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए वाटर कूलर और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। पक्षियों के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है, जो मंदिर के पर्यावरण-अनुकूल दृष्टिकोण को दर्शाती है।
धारेश्वर धाम का यह अमावस्या महोत्सव न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि स्थानीय संस्कृति और परंपरा का भी अनूठा उदाहरण है। श्रद्धालुओं के लिए यह एक दिव्य अनुभव का अवसर होगा।
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