कालोटा गाँव में भव्य भागवत कथा और वार्षिक उत्सव का आयोजन, हजारों श्रद्धालुओं ने लिया भाग

कालोटा गाँव में भव्य भागवत कथा और वार्षिक उत्सव का आयोजन, हजारों श्रद्धालुओं ने लिया भाग

कलोटा गाँव में भागवत कथा और वार्षिक उत्सव

राजस्थान के कालोटा ग्राम पंचायत के खेतड़ी तहसील अंतर्गत स्थित हीरामल जी महाराज के मंदिर में 23 अप्रैल से 29 अप्रैल तक भव्य वार्षिक भागवत कथा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए आध्यात्मिक एवं समाजोपयोगी दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

भागवत कथा का उद्देश्य

महाराज जी के वाणी से चल रही इस भागवत कथा का मुख्य लक्ष्य है ग्राम क्षेत्र में व्याप्त दोषों जैसे देव, वास्तु, पितृ, तांत्रिक दोषों से मुक्ति दिलाना और लोगों को सद्बुद्धि, सन्मार्ग, सत्कर्मों की ओर प्रेरित करना। कथा के दौरान जनसामान्य में धर्मपरायणता, कर्मपरायणता और संस्कार के विकास पर जोर दिया गया।

वार्षिक उत्सव की मुख्य गतिविधियां

कार्यक्रम के प्रारंभ में भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ों पुरुष एवं महिलाएं श्रद्धापूर्वक शामिल हुईं। इसके उपरांत 29 अप्रैल को संध्या वेला में भव्य जागरण हुआ, जिसमें लगभग 10 से 2000 लोग उपस्थित रहे। जागरण के बाद 30 अप्रैल को नौकुंडीय यज्ञ संपन्न हुआ, जो प्रातः 8 बजे से 10 बजे तक चला। इसके बाद 5-7 हजार लोगों के लिए भंडारा आयोजित किया गया। साथ ही घोड़ियाँ तथा ऊँटों के नृत्य कार्यक्रम और साधु-संतों का सम्मान समारोह भी सम्पन्न हुआ।

समाज सेवा के लिए निशुल्क चिकित्सा शिविर

उद्योग के अलावा, स्वास्थ्य सेवा को भी प्राथमिकता देते हुए 30 अप्रैल को निशुल्क चिकित्सा शिविर भी लगाया गया, जहां स्थानीय डॉक्टरों द्वारा ग्रामीणों की जांच और उपचार किया गया। यह शिविर दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक चला।

कथावाचक का परिचय और उनका संदेश

श्री सज्जन शास्त्री, जोकि बलदेवदास जी महाराज के शिष्य हैं, कथा का संचालन कर रहे थे। उन्होंने बताया कि उनके अनुभव में भागवत कथाओं के माध्यम से समाज में संस्कार, दया, और धर्म की जागृति होती है। वह लंबे समय से विभिन्न स्थानों पर कथा का संचालन कर चुके हैं और बताते हैं कि यह आयोजन पूर्णतः ग्राम कमेटी द्वारा धन्य किया जाता है और इसमें आने वाले सभी श्रद्धालुओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाता।

गांववासियों से अपील

कार्यक्रम के दौरान सभी ग्रामवासी और क्षेत्रवासियों से अपील की गई कि वे अधिक से अधिक संख्‍या में इस धार्मिक आयोजन में भाग लें और भागवत कथा के माध्यम से आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाएं। आयोजन के आयोजक यह भी कहते हैं कि आज के समय में समाज को धर्म की ओर लौटने की बहुत आवश्यकता है क्योंकि कुपथ के कारण अनेक सामाजिक समस्याएं बढ़ रही हैं।

समापन

इस प्रकार कालोटा के इस वार्षिक उत्सव ने न केवल धार्मिक आस्था को सुदृढ़ किया बल्कि समाज में प्रेम, सेवा और कल्याण की भावना को भी प्रोत्साहित किया। भागवत कथा एवं उससे जुड़े सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से यह पर्व ग्रामवासियों के लिए आध्यात्मिक और सामाजिक पुनर्जागरण का अवसर बन गया।

आगामी वर्षों में भी ऐसे आयोजन ग्राम समाज के उत्थान व संस्कारों के संवर्धन में सहायक सिद्ध होंगे।

संपर्क: सत्येंद्र, आसपास न्यूज़ चैनल


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