झुंझुनू जिला बंद: स्मार्ट मीटर के विरोध में उमड़ा लोगों का गुस्सा

झुंझुनू जिला बंद: स्मार्ट मीटर के विरोध में उमड़ा लोगों का गुस्सा

झुंझुनू में स्मार्ट मीटर विरोधी प्रदर्शन

राजस्थान के झुंझुनू जिले में स्मार्ट मीटर योजना के विरोध में व्यापक प्रदर्शन हो रहा है। चंवरा-चौफूल्या ग्राम पंचायत के लोगों ने स्मार्ट मीटर लगाने का जमकर विरोध किया है और जिला बंद का आह्वान किया है।

गरीबों की परेशानी बढ़ाने वाली योजना

स्थानीय लोगों का कहना है कि स्मार्ट मीटर की योजना गरीब लोगों के हितों के खिलाफ है। एक स्थानीय निवासी का कहना है, "गरीब आदमी के पास पैसे कहां हैं? पहले 100 यूनिट फ्री मिल रहा था, अब स्मार्ट मीटर में पैसे जमा कराने पड़ेंगे। गरीब आदमी कैसे दे पाएगा?"

स्मार्ट मीटर की मुख्य समस्याएं

मजदूर किसान संघ के अध्यक्ष नथूराम सैनी ने स्मार्ट मीटर की कई कमियों की ओर इशारा किया:

  • पैसे खत्म होते ही बिजली कट जाना: रात 12 बजे पैसे खत्म हो जाने पर तुरंत बिजली बंद हो जाएगी
  • मेडिकल इमरजेंसी में खतरा: ऑक्सीजन की जरूरत वाले मरीजों या प्रसव के दौरान बिजली बंद होने का खतरा
  • गलत बिलिंग: पहले की तुलना में अधिक यूनिट की कटौती
  • किसानों की समस्या: किसान छह महीने में फसल बेचते हैं, लेकिन हर महीने पैसे जमा कराने पड़ेंगे

सरकारी कर्मचारियों पर दबाव

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि सरकारी टीचरों और कर्मचारियों पर स्मार्ट मीटर लगवाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा आदेश दिया गया है कि सरकारी टीचर स्मार्ट मीटर लगवाने में मदद करें।

आर्थिक चिंताएं

विरोधी प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार ने 1200-1400 करोड़ रुपये की लागत से स्मार्ट मीटर खरीदे हैं, जबकि पुराने मीटर ठीक से काम कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले 6 रुपये यूनिट में बिजली बनती थी, जिसे बंद करके अब 12 रुपये यूनिट में अडानी-अंबानी से बिजली खरीदी जा रही है।

जनता का आक्रोश

स्थानीय लोगों ने "भजनलाल मुर्दाबाद" के नारे लगाए और कहा कि वे मर जाएंगे लेकिन स्मार्ट मीटर नहीं लगवाएंगे। उनका कहना है कि यह योजना सिर्फ जनता को लूटने के लिए बनाई गई है।

फिलहाल झुंझुनू जिले में तनाव का माहौल है और स्थानीय प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है।


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